Last updated on July 7, 2023 5:11 pm
देश में बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को नियमों के दायरे में लाने के लिए बहस जारी है। सरकार संसद के मौजूदा सत्र में इसके लिए एक बिल लाने की तैयारी में है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव (D. Subbarao) का कहना है कि देश में बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को मंजूरी दिए जाने पर केंद्रीय बैंक धन आपूर्ति (money supply) और मुद्रास्फीति प्रबंधन (inflation management) पर नियंत्रण खो सकता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए राव ने यह भी कहा कि देश में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) जारी करने का मामला शायद मजबूत ना हो क्योंकि इसमें पूंजी नियंत्रण का पहलू शामिल है। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘क्रिप्टो एल्गोरिदम की मदद से चलता है और डर है कि केंद्रीय बैंक धन की आपूर्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन पर नियंत्रण खो सकता है। ऐसी भी चिंताएं हैं कि क्रिप्टो मौद्रिक नीति को बाधित करेगा।’
2008 से 2013 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे राव ने कहा कि सीबीडीसी को भी मजबूत डेटा संरक्षण कानूनों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में कैश का चलन कम हो रहा है और डिजिटल पेमेंट्स लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि उन्होंने साथ ही कहा कि महामारी के कारण करेंसी सर्कुलेशन बढ़ा है क्योंकि लॉकडाउन के कारण लोगों ने कैश जमा कर रखा था। उन्होंने कहा कि लास्ट-रिजॉर्ट लेंडर के रूप में केंद्रीय बैंक की भूमिका प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई देश में क्रिप्टोकरेंसीज को मान्यता देने का विरोध कर रहा है। उसने अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत कराया है।रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि केंद्रीय बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ‘गंभीर’ रूप से चिंतित है और उसने सरकार को इस चिंता से अवगत करा दिया है। उनका कहना है कि अब इस मामले में निर्णय सरकार को लेना है। बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी नियमन के दायरे में नहीं है। इसकी कीमत में भारी उतार-चढ़ाव रहता है। सरकार को इस बात पर फैसला करना है कि इन्हें पूरी तरह अनुमति दी जाए या नहीं।
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